सर्दियों के मौसम में तापमान में गिरावट का सीधा असर हमारे दिल पर पड़ता है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे-वैसे हार्ट अटैक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड में चार तरह के दिल के मरीजों को खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
- हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) के मरीज
ठंड में रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। यह स्थिति हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
सावधानियां:
गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गर्म रखें।
नमक का सेवन सीमित करें।
समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें।
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) के मरीज
इस बीमारी में हृदय की धमनियां संकुचित हो जाती हैं। ठंड के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है, क्योंकि रक्त संचार में रुकावट बढ़ जाती है।
सावधानियां:
ज्यादा ठंड में बाहर जाने से बचें।
हल्का व्यायाम करें, लेकिन ओवरएक्सर्शन न करें।
डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवाएं लें।
- डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज से ग्रस्त लोगों का हृदय जोखिम में रहता है। ठंड में शुगर लेवल और रक्त संचार प्रभावित हो सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है।
सावधानियां:
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
शारीरिक गतिविधि और डाइट पर ध्यान दें।
नियमित रूप से ग्लूकोज स्तर की जांच करें।
- हृदय विफलता (Heart Failure) के मरीज
जिन लोगों को पहले से हृदय कमजोर है, उनके लिए सर्दी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। ठंड के कारण शरीर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
सावधानियां:
अधिक पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें।
धूम्रपान और शराब से बचें।
अचानक तापमान परिवर्तन से बचाव करें।
सामान्य उपाय:
गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गर्म रखें।
संतुलित आहार लें और विटामिन-सी युक्त फल खाएं।
धूम्रपान और शराब से बचें।
डॉक्टर की सलाह पर नियमित जांच कराएं।
अत्यधिक तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें।
सर्दियों में दिल की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।