कृष्णन (क्रिस) गोपालकृष्णन, जो भारत की अग्रणी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक हैं, हाल ही में एक विवाद में घिर गए हैं। उनके और 17 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है।
विवाद का पूरा मामला
यह मामला दुर्गप्पा डी. नामक व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है, जो भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के सतत प्रौद्योगिकी केंद्र के पूर्व संकाय सदस्य हैं। उनकी शिकायत में निम्नलिखित आरोप लगाए गए हैं:
- हनी ट्रैप का आरोप:
दुर्गप्पा ने दावा किया है कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया गया, जिसके कारण उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
- जातिगत अपमान और धमकी:
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्हें इस दौरान जातिसूचक गालियां दी गईं और धमकियां भी मिलीं।
- न्यायालय का आदेश:
सिविल और सत्र न्यायालय के आदेश के बाद इस मामले को दर्ज किया गया है।
वर्तमान में इस मामले पर क्रिस गोपालकृष्णन या इंफोसिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
क्रिस गोपालकृष्णन की नेट वर्थ
क्रिस गोपालकृष्णन की गिनती भारत के सबसे अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों में होती है।
- नेट वर्थ (2025): $4.3 बिलियन (लगभग 35,000 करोड़ रुपये)।
- आय का मुख्य स्रोत: इंफोसिस से कमाई, निवेश, और स्टार्टअप इकोसिस्टम में भागीदारी\
- प्रमुख व्यवसाय:
- इंफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ।
- कई स्टार्टअप्स और वेंचर कैपिटल फर्म्स में निवेशक।
- वर्तमान में Axilor Ventures के अध्यक्ष हैं, जो स्टार्टअप्स को बढ़ावा देता है।
कमाई के राज
- इंफोसिस से कमाई:
1981 में इंफोसिस की स्थापना के बाद, क्रिस गोपालकृष्णन ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर एक बड़ी पहचान दिलाई।- वह 2007 से 2011 तक इंफोसिस के सीईओ और 2011 से 2014 तक सह-अध्यक्ष रहे।
- इंफोसिस में उनके शेयरों की कीमत करोड़ों में है।
- स्टार्टअप और निवेश:
क्रिस गोपालकृष्णन ने भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।- उन्होंने कई उभरते हुए स्टार्टअप्स में निवेश किया।
- उनका वेंचर कैपिटल फर्म Axilor Ventures स्टार्टअप्स के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
- परोपकार और शिक्षा:
- उन्होंने शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में करोड़ों का दान दिया।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास और अन्य संस्थानों के लिए अनुसंधान फंडिंग में योगदान किया।
पुरस्कार और उपलब्धियां
- पद्म भूषण (2011): सूचना प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा।
- अंतरराष्ट्रीय पहचान: दुनिया के सबसे प्रभावशाली बिजनेस लीडर्स में गिने जाते हैं।
निष्कर्ष
अब यह देखना होगा कि कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है। लाइफ नोट ईज़ी (Lifenoteasy) पर बने रहें, हम इस मामले से जुड़ी हर ताजा अपडेट आपको देंगे।