उत्तर प्रदेश में बारिश के मौसम में घूमने का मज़ा ही कुछ और है, और इन झरनों की प्राकृतिक सुंदरता इसे और भी खास बना देती है।
लखनिया बॉटरफॉल (मिर्जापुर): यह झरना अपने विशाल आकार और शानदार दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। मानसून में यह झरना पूरी तरह से खिल उठता है, और इसके आसपास की हरियाली इसे एक अद्भुत अनुभव बनाती है।
मुक्खा फॉल (सोनभद्र): मुक्खा फॉल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। बारिश के मौसम में यहाँ का दृश्य और भी आकर्षक हो जाता है, और यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
चूना दरी झरना (मिर्जापुर): यह झरना भी अपनी अद्वितीयता और खूबसूरत दृश्यों के लिए जाना जाता है। मानसून के दौरान यहाँ की हरियाली और झरने का पानी एक शानदार नजारा प्रस्तुत करता है।
इन जगहों पर जाना आपको न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराएगा, बल्कि यह आपको मानसून के जादू का भी एहसास कराएगा।
चित्रकूट, जिसे भगवान राम की तपोभूमि कहा जाता है, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एक पवित्र और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हिल स्टेशन है। यह स्थान अपने धार्मिक महत्व और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की यात्रा मानसून के दौरान विशेष रूप से सुंदर होती है, जब चारों ओर हरियाली और पहाड़ों पर जलप्रपात जीवंत हो जाते हैं।
चित्रकूट की यात्रा के दौरान देखने लायक प्रमुख स्थान:
कामदगिरि पर्वत: यह पवित्र पर्वत माना जाता है और कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहीं निवास किया था। यहां परिक्रमा करने का विशेष धार्मिक महत्व है।
रामघाट: मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित इस घाट पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने स्नान किया था। यहाँ के आरती और दीपदान का दृश्य बेहद खूबसूरत होता है।
गुप्त गोदावरी: यह एक गुफा है जिसमें दो जलधाराएं बहती हैं। यहां भगवान राम और लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय बिताया था।
भरतकूप: यह एक पवित्र कुंड है, जिसमें कहा जाता है कि भरत ने अयोध्या से लाए गए पवित्र जल को डाला था।
हनुमान धारा: यह पहाड़ी पर स्थित एक पवित्र जलधारा है, जिसे हनुमान जी की तपस्या के बाद उत्पन्न होने वाली जलधारा कहा जाता है।
चित्रकूट की यात्रा आपको अध्यात्म, इतिहास, और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा मिश्रण प्रदान करती है। यह स्थान हर उस व्यक्ति के लिए आदर्श है जो शांति और पवित्रता की खोज में है।