भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के तीसरे लॉन्च पैड (Third Launch Pad) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह लॉन्च पैड तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में बनाया जाएगा। इस कदम से भारत की अंतरिक्ष गतिविधियों को नई गति मिलेगी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
1. तीसरे लॉन्च पैड की जरूरत क्यों पड़ी?
ISRO के वर्तमान में दो लॉन्च पैड हैं, जो सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में स्थित हैं:
- पहला लॉन्च पैड (FLP – First Launch Pad)
- दूसरा लॉन्च पैड (SLP – Second Launch Pad)
इन लॉन्च पैड्स से अब तक कई महत्वपूर्ण मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं, जिनमें चंद्रयान, मंगलयान और गगनयान जैसी ऐतिहासिक उड़ानें शामिल हैं। हालांकि, अंतरिक्ष अभियानों की बढ़ती संख्या और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए एक तीसरे लॉन्च पैड की आवश्यकता महसूस की गई।
2. तीसरे लॉन्च पैड से होने वाले प्रमुख लाभ
✅ गगनयान मिशन को बढ़ावा
- भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए अतिरिक्त लॉन्च सुविधाओं की जरूरत थी।
- यह लॉन्च पैड विशेष रूप से क्रू मिशनों के लिए डिजाइन किया जाएगा।
✅ अंतरिक्ष प्रक्षेपण की बढ़ती मांग
- भारत में उपग्रह लॉन्च की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- इस लॉन्च पैड से ज्यादा रॉकेट लॉन्च किए जा सकेंगे, जिससे ISRO की क्षमता बढ़ेगी।
✅ निजी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय मिशनों को बढ़ावा
- इस लॉन्च पैड से भारत की निजी अंतरिक्ष कंपनियां भी रॉकेट लॉन्च कर सकेंगी।
- विदेशी उपग्रहों को लॉन्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
✅ संभावित व्यावसायिक लाभ
- भारत अब दुनिया के अन्य देशों को कम लागत में लॉन्च सेवाएं प्रदान कर सकता है।
- वैश्विक स्तर पर स्पेस एक्स (SpaceX) और ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) जैसी कंपनियों को टक्कर देने में मदद मिलेगी।
3. तीसरे लॉन्च पैड की विशेषताएं
🔹 स्थान: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, तमिलनाडु
🔹 लॉन्चिंग क्षमता: मानवयुक्त मिशन, उपग्रह प्रक्षेपण, PSLV, GSLV और नए रॉकेट सिस्टम
🔹 टेक्नोलॉजी: ऑटोमैटिक लॉन्च सिस्टम, मॉडर्न कंट्रोल रूम, एडवांस्ड काउंटरमेशर्स
🔹 सुरक्षा: इंसानों के लिए सुरक्षित टेक्नोलॉजी, क्रू एस्केप सिस्टम
🔹 लॉन्च फ्रीक्वेंसी: अधिक लॉन्च, कम समय में ज्यादा रॉकेट प्रक्षेपण
4. भारत की अंतरिक्ष योजनाओं में नई छलांग
भारत तेजी से स्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बन रहा है। तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण के बाद ISRO को निम्नलिखित मिशनों में मदद मिलेगी:
🚀 गगनयान मिशन (2025) – पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन
🌕 चंद्रयान-4 (2026-27) – भविष्य का चंद्र मिशन
🪐 मंगलयान-2 (2028-30) – नया मंगल अभियान
🔭 सूर्य मिशन (आदित्य L2 अपडेट) – सूर्य की विस्तृत स्टडी
5. सरकार और ISRO की आधिकारिक घोषणा
भारत सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि यह नया लॉन्च पैड भारत को स्पेस सेक्टर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।
6. निष्कर्ष
तीसरे लॉन्च पैड की मंजूरी से भारत की अंतरिक्ष शक्ति और अधिक मजबूत होगी। यह न केवल गगनयान जैसे मिशनों को समर्थन देगा, बल्कि ISRO को वैश्विक स्तर पर स्पेस लॉन्चिंग का बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस कदम से भारत निजी स्पेस कंपनियों, विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण और अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया युग शुरू करेगा।
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